बिजली कंपनियों ने कोल इंडिया से कही यह बात, उपभोक्ताओं को मिलेगा फायदा
Coal India: एसोसिएशन ऑफ पावर प्रोड्यूशर्स के अनुसार, रेलवे के बजाय सड़क मार्ग से कोयले की ढुलाई करने से बिजली उत्पादक कंपनियों को 25% अधिक लागत का भुगतान करना पड़ रहा है.
कोयला ढुलाई पर अधिक खर्च का वहन अंततः आम लोगों को ही करना पड़ता है. (रॉयटर्स)
कोयला ढुलाई पर अधिक खर्च का वहन अंततः आम लोगों को ही करना पड़ता है. (रॉयटर्स)
बिजली का उत्पादन करने वाली कंपनियों ने कोल इंडिया को छत्तीसगढ़ के कोरबा क्षेत्र से रेलवे के जरिए कोयले की आपूर्ति बढ़ाने को कहा है. इन कंपनियों का कहना है कि इससे कोयले की ढुलाई का खर्च कम होगा और अंततः लोगों को बिजली अपेक्षाकृत कम कीमत पर मिल सकेगी. एसोसिएशन ऑफ पावर प्रोड्यूशर्स के अनुसार कोरबा क्षेत्र की घरेलू कोयला आपूर्ति में 20% हिस्सेदारी है, लेकिन कोल इंडिया की अनुषंगी साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड क्षेत्र से महज 55% कोयला ही रेल के जरिये आपूर्ति कर पा रही है.
एसोसिएशन ने कोल इंडिया के प्रमुख अनिल कुमार झा को एक पत्र लिखकर बताया है कि रेलवे के बजाय सड़क मार्ग से कोयले की ढुलाई करने से बिजली उत्पादक कंपनियों को 25% अधिक लागत का भुगतान करना पड़ रहा है. एसोसिएशन ने कहा कि प्रतिदिन 45 रैक की मांग है लेकिन कोरबा क्षेत्र रोजाना महज 25 रैक ही भर पा रहा है.
एसोसिएशन का कहना है कि रेलवे के जरिए आपूर्ति कम होने के कारण उन्हें ट्रक से कोयला मंगवाने का महंगा माध्यम चुनने पर मजबूर होना पड़ रहा है. ट्रेन के एक रैक में 4000 टन कोयले की ढुलाई संभव है. इसका मतलब हुआ कि प्रति रैक की भरपाई के लिए 30 टन ढोने की क्षमता वाले 135 ट्रकों की जरूरत होगी.
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एसोसिएशन ने कहा कि कोयला ढुलाई पर अधिक खर्च का वहन अंततः आम लोगों को ही करना पड़ता है. एसोसिएशन ने यह पत्र एचपीसीएल के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक एपी पांडा और रेलवे बोर्ड के चेयरमैन विनोद कुमार यादव को भी भेजा है.
06:32 PM IST